मानकों को पूरा करने के लिए 160 ईंट भट्ठा संचालकों को नो

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पर्यावरणीय अधिनियमों के तहत संचालित न होने व जिग जैग प्रणाली लागू न करने के चलते उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की तरफ से 160 ईंट भट्ठा संचालकों को नोटिस दी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व एनजीटी के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी ईंट भट्टा संचालकों को पर्यावरणीय अधिनियमों का हर हाल में पालन करना होगा। सीपीसीबी व एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने दिल्ली एनसीआर के सभी ईंट भट्ठा संचालकों को जिग जैग तकनीक अपनाने का आदेश दिया है। इसके अलावा ईंट भट्ठा संचालकों को रेक्टेंगल से¨टग का पालन करना होगा। सीपीसीबी व एनजीटी के आदेशों पर अमल करते हुए यूपीपीसीबी ने सभी ईंट भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द मानकों को पूरा करने का आदेश दिया है। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी एके तिवारी ने बताया कि मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में संचालित सभी ईंट भट्ठा को बंद करा दिया गया है। मानकों को पूरा करने के उपरांत सभी ईंट भट्ठे संचालकों को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी होगी। इसके बाद ही ईंट भट्ठे का संचालन संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि जो ईंट भट्ठे पर्यावरणीय अधिनियमों के तहत संचालित नहीं हैं, या फिर प्राधिकरण व जिला प्रशासन से बिना अनुमति के मिट्टी का खनन किया जा रहा है, उनको भी नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली एनसीआर में संचालित ईंट भट्ठों की कार्यप्रणाली में बदलाव करते हुए जिग-जैग तकनीक अपनाने का आदेश दिया है। इस तकनीक के तहत चिमनी के साथ इंडस ड्राफ्ट फैन लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य ईंट भट्ठों की चिमनियों से निकलने वाले धुएं से राहत दिलाने के लिए पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाना है। इस तकनीक के जरिये एक तरफ तो कोयले की खपत कम होती है वहीं ईंट भी अच्छे से पकती है।