एक ओर जहां सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने को प्रयासरत है, वहीं ईंट भट्टा उधोग सरकार की इस योजना को पलीता लगाने में लगे हैं, भट्टों पर शौचालय न होने के चलते वहां कार्यरत श्रमिक खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। क्षेत्र में करीब तीन दर्जन ईंट भट्टा ईकाईयां स्थापित हैं, जहां प्रति भट्टा करीब पचास श्रमिक कार्य करते हैं जो यहीं पर बने अस्थाई मकानों में परिवार सहित निवास करते हैं, इन श्रमिकों व उनके परिवार के लिए किसी भी भट्टे पर शौचालय नहीं है, जिस कारण श्रमिकों व उनकी बहू बेटियों खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड रहा है।